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प्रेम से बोलो जय कन्या की, जोर से बोलो जय कन्या की, अभी अभी जुमा जुमा छः दिन पहिले ही हमने मातारानी की पूजा अर्चना करके कन्याओं को भोजन करवाकर उनका आशीर्वाद लिया था. कन्या को देवी के रूप में मान कर उसका सम्मान किया था. अब में आता हूँ अपनी असली बात पर, समाज में हम देख रहे हैं कि लोग अपने लड़के कि शादी के लिए जब लड़की देख रहे होते हैं तो दहेज़ के लिए मुंह फाड़कर दहेज़ की मांग करते हैं, भूल जाते हैं कि दहेज़ कि रकम का उपभोग क्या उनकी पूरी जिन्दगी के लिए काफी होगा, उनकी और उनके परिवार की सारी उम्र उस रकम से बीत जाएगी, आज हमने अपनी बेटियों को पढालिखाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया है , आज वो भी कमाने वाली लड़की हो गई है, वो जो कमाकर लाएगी वो भी तो ससुराल में ही जायेगा, ये जो हर महीने दहेज़ आ रहा है उसका कोई हिसाब नहीं है क्या ? अरे जरा हिसाब लगाकर तो देखो वो इतना हो रहा है कि तुम उतना मांगने का सोच भी नहीं पाते ! सोच पाते हो क्या ? आज सारी गड़ना करके देखा गया है कि लड़कियों की संख्या लड़कों से कम हो गई है. यदि दहेज़ के चक्कर में संबंधों को तय करने में लगे रहे तो ऐसा न हो कि आपका लड़का कुंआरा ही बूढ़ा हो जाए. जागो लड़के वालो जागो. अभी भी वक़्त है दहेज़ के पीछे सम्बन्ध मत छोडो. एक बात और ध्यान से सुनो अगर….. कहीं अन्य यूनियनों कि तरह लड़की वालों ने अपनी यूनियन बना ली तो…… तो….(लड़की वालो आपके लिए संकेत है ये.)
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